दीया
कुमारी
का
दावा-हमारी
जगह
पर
शाहजहां
का
कब्जा
दीया
कुमारी
ने
भी
ये
भी
दावा
किया
कि
ताजमहल
की
जगह
जयपुर
राजपरिवार
का
पैलेस
था,
जिस
पर
शाहजहां
ने
कब्जा
करके
ताजमहल
बनवा
दिया।
शाहजहां
द्वारा
कब्जा
करने
पर
जयपुर
राजघराना
विरोध
नहीं
कर
पाया,
क्योंकि
उस
वक्त
शाहजहां
का
शासन
था।

दीया
कुमारी,
सांसद,
राजसमंद
ताजमहल
की
जगह
को
खुद
के
परिवार
की
प्रॉपर्टी
बताने
वालीं
दीया
कुमारी
राजस्थान
के
राजसमंद
से
भाजपा
सांसद
हैं।
राजनीतिक
तौर
पर
तो
दीया
कुमारी
के
बारे
में
हर
कोई
जानता
है,
मगर
निजी
जिंदगी
से
बहुत
कम
लोग
वाकिफ
हैं।
आइए
जानते
हैं
कि
दीया
कुमारी
की
पूरी
जीवनी।

जयपुर
की
राजकुमारी
रहीं
दीया
कुमारी
दीया
कुमारी
का
जन्म
जयपुर
राजघराने
में
हुआ।
बचपन
जयपुर
राजकुमारी
की
तरह
बीता।
ये
अपने
माता-पिता
की
इकलौती
संतान
हैं।
जयपुर
के
महारानी
गायत्री
देवी
बालिका
विद्यालय
व
दिल्ली
के
मॉर्डन
स्कूल
से
शिक्षा
प्राप्त
की।
उच्च
शिक्षा
के
लिए
दीया
कुमारी
लंदन
चली
गई
थीं।

दीया
कुमारी
का
परिवार
जन्म
–
30
जनवरी
1971
दादा
–
मान
सिंह
द्वितीय
दादी
–
मरूधर
कंवर
पिता
–
जयपुर
के
पूर्व
महाराजा
सवाई
भवानी
सिंह
माता
–
महारानी
पद्मिनी
देवी
पति
–
नरेंद्र
सिंह
(1994
–
2018)
बच्चे
–
बेटा
पद्मनाभ
सिंह,
लक्ष्यराज
सिंह,
बेटी
गौरवी
कुमारी

दीया
संभालती
हैं
पुरखों
की
विरासत
देश
में
जयपुर
राजघराना
नामी
है।
अकेले
जयपुर
में
इस
रॉयल
फैमिली
की
काफी
प्रॉपर्टी
हैं।
जयपुर
में
सिटी
पैलेस,
जयगढ़
किला
समेत
अन्य
इमारतों
व
पर्यटन
स्थलों
के
संरक्षण
के
कामों
को
दीया
कुमारी
देखती
हैं।

दोस्ती
प्यार
में
बदली
दीया
कुमारी
की
निजी
जिंदगी
हमेशा
से
ही
काफी
सुर्खियों
में
रही
हैं।
ये
18
साल
की
थीं
तब
सीए
नरेंद्र
सिंह
को
दिल
दे
बैठी।
फिर
उनसे
प्रेम
विवाह
किया,
जो
चर्चा
का
विषय
बना
था।
हुआ
ये
था
कि
1989
में
नरेंद्र
सिंह
जयपुर
में
सीए
की
तैयारी
कर
रहे
थे।
तब
नरेंद्र
सिंह
सवाई
मानसिंह
संग्रहालय
ट्रस्ट
में
इंटर्नशिप
के
लिए
आए
थे।

सीए
नरेंद्र
सिंह
से
किया
प्रेम
विवाह
यहां
तीन
माह
काम
किया।
तब
जयपुर
की
राजकुमारी
18
वर्षीय
दीया
कुमारी
की
नरेंद्र
सिंह
से
दोस्ती
हो
गई
थी,
जो
बाद
में
प्यार
में
बदल
गई।
दिक्कत
यह
थी
कि
नरेंद्र
सिंह
व
दीया
कुमारी
एक
ही
गोत्र
से
थे।
इसके
बावजूद
दीया
कुमारी
ने
23
की
उम्र
में
सामाजिक
बंधनों
से
लड़कर
नरेंद्र
से
प्रेम
विवाह
किया,
जिस
पर
राजपूत
सभा
ने
भी
नाराजगी
जताई
थी।

2018
में
नरेंद्र
सिंह
व
दीया
कुमारी
का
तलाक
नरेंद्र
सिंह
व
दीया
कुमारी
ने
साल
1994
को
शादी
की
थी।
इनके
तीन
बच्चे
बेटा
पद्मनाभ
सिंह,
लक्ष्यराज
सिंह
व
बेटी
गौरवी
कुमारी
हैं।
साल
2018
में
पति
नरेंद्र
सिंह
से
तलाक
के
दीया
कुमारी
के
फैसले
ने
हर
किसी
को
चौंका
दिया।
उन्होंने
जयपुर
के
गांधीनगर
स्थित
फैमिली
कोर्ट
में
अर्जी
लगाकर
2018
में
पति
से
तलाक
ले
लिया।

बेटा
पद्मनाभ
सिंह
बेठा
जयपुर
की
गद्दी
पर
दीया
कुमारी
के
बड़े
बेटे
पद्मनाभ
सिंह
को
जयपुर
के
महाराजा
भवानी
सिंह
ने
22
नवंबर
2002
को
अपना
उत्तराधिकारी
नियुक्त
किया
था।
पद्मनाथ
को
27
अप्रैल
2011
को
जयपुर
की
गद्दी
पर
बैठाने
की
रस्म
अदा
की
गई
थी।
यह
आयोजन
धूमधाम
से
हुआ
था।

दीया
कुमारी
की
राजनीति
में
एंट्री
दीया
कुमारी
ने
साल
2013
में
राजमहल
से
निकल
राजनीति
में
कदम
रखा।
सितम्बर
2013
में
जयपुर
में
गुजरात
के
तत्कालीन
सीएम
नरेंद्र
मोदी,
वसुंधरा
राजे,
राजनाथ
सिंह
की
मौजूदगी
में
रैली
हुई,
जिसमें
दीया
कुमारी
ने
भाजपा
ज्वाइन
कर
ली
थी।
दीया
कुमारी
से
पहले
जयपुर
राजघराने
से
पूर्व
राजमाता
गायत्री
देवी
भी
राजनीति
में
रही
थीं।

दीया
कुमारी
ने
पहली
बार
में
डॉ.
किरोड़ी
लाल
का
मात
दी
भारतीय
जनता
पार्टी
ज्वाइन
करने
के
बाद
दीया
कुमारी
ने
राजस्थान
विधानसभा
चुनाव
2013
के
मैदान
में
उतरी।
सवाईमाधोपुर
विधानसभा
सीट
से
दीया
कुमारी
ने
NPEP
के
डॉ.
किरोड़ी
लाल
को
7
हजार
532
वोटों
से
हराया।
राजस्थान
विधानसभा
चुनाव
2018
में
दीया
कुमारी
को
टिकट
नहीं
मिला।
साढ़े
पांच
लाख
वोटों
से
जीतकर
बनीं
सांसद
सवाई
माधोपुर
से
टिकट
कटने
के
बाद
भी
दीया
कुमारी
राजनीति
में
बनी
रहीं।
भाजपा
का
साथ
नहीं
छोड़ा।
भाजपा
ने
लोकसभा
चुनाव
2019
में
दीया
कुमारी
को
राजसमंद
सीट
से
टिकट
दिया।
मोदी
लहर
थीं।
दीया
ने
राजसमंद
सीट
पर
कांग्रेस
के
देवकीनंदन
गुर्जर
को
5
लाख
51
हजार
916
वोटों
से
हराया।